Svante Arrehenius के अनुसार – ऐसे पदार्थ जो ,जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन (Description: H^{+}) देते हैं ,अम्ल कहलाते हैं अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं तथा ये स्वाद में खट्टे होते हैं अम्लों का PH मान 7.0 से कम होता है है स्वीडिश chemist Svante Arrehenius ने सबसे पहले 1884 में अम्लीयता के गुण बताये की अम्ल Description: H^{+}आयन देते हैं
Bronsted -Lowry के अनुसार – वह अणु या आयन जो प्रोटोन देने की क्षमता रखते हैं अम्ल कहलाते हैं
eg. – NH_{4}^{+} NH_{3} + H^{+}
HCO_{3}^{-}CO_{3}^{2-}\p^ + H^{+}
अम्लों के गुण –
अम्ल संक्षारक प्रकृति के होते हैं
अम्ल विधुत चालकता प्रदर्शित करते हैं
अम्ल धातुओं से क्रिया करके हाइड्रोजन मुक्त करते हैं
Description: Mg+2Hcl\rightarrow MgCl+H_{_{2}}
अम्ल क्षरकों के साथ क्रिया करके जल तथा लवण बनाते हैं
Description: NaOH+2Hcl\rightarrow NaCl+H_{_{2}}o
अम्ल धातुओं के कार्बोनाटों तथा बाई कार्बोनाटों के साथ क्रिया करके कार्बन डाई ऑक्साइड गैस मुक्त करता है
अम्ल के प्रकार
कार्बनिक अम्ल और अकार्बनिक अम्ल
कार्बनिक अम्ल
वे कार्बनिक यौगिक जिनमें अम्लीय गुण होते हैं खट्टे फलों में प्राय: कार्बनिक अम्ल होते हैं इनमें से कुछ अम्ल सामान्यत: प्रयोगशालाओं में भी प्रयोग किये जाते हैं
अकार्बनिक अम्ल
अकार्बनिक अम्लों को खनिज अम्ल भी कहते है
प्रबल और दुर्बल अम्ल STRONG AND WEAK ACID
प्रबल अम्ल
जो अम्ल जल में घुलकर , पूरी तरह विभाजित हो जाते हैं तथा हाइड्रोजन आयन देते हैं उन्हें प्रबल अम्ल कहते हैं दूसरे शब्दों में ऐसे अम्ल जो जल या किसी अन्य विलायक में पूरी तरह से घुलकर बड़ी संख्या में हाइड्रोजन आयन तथा प्रोटोन देते है प्रबल अम्ल विधुत के चालक होते हैं प्रबल अम्ल की प्रतिक्रिया दर तीव्र होती है
जैसे – हाइड्रोक्लोरिक अम्ल ,सल्फ्यूरिक अम्ल , नाइट्रिक अम्ल
दुर्बल अम्ल
ऐसे अम्ल जो जल में पूरी तरह न घुलकर कुछ ही भाग विभाजित करते हैं तथा हाइड्रोजन आयन देते हैं दुर्बल अम्ल कहलाते हैं , दूसरे शब्दों वे अम्ल जो जल या किसी अन्य विलायक में अपना कुछ ही भाग विभाजित करते हैं तथा बहुत कम संख्या में हाइड्रोजन आयन तथा प्रोटोन प्रदान करते हैं दुर्बल अम्ल विधुत के कम चालक होते हैं तथा इनकी प्रतिक्रिया दर धीमी होती है
जैसे – एसीटिक अम्ल , कार्बोनिक अम्ल , ओक्सालिक अम्ल
सान्द्र और तनु अम्ल Concentrate and Dilute acid
सांद्र अम्ल
जब किसी अम्ल का विलय जल में किया जाता है जिसमें, जल की मात्रा बहुत कम तथा अम्ल की मात्रा बहुत अधिक हो, ऐसा अम्ल सांद्र अम्ल कहलाता है इस अम्ल में हाइड्रोनियम आयन के प्रत्येक इकाई का volume ज्यादा होता है
तनु अम्ल
जब किसी अम्ल का विलय जल में किया जाता है जिसमें, बहुत कम मात्रा में अम्ल तथा अधिक मात्रा में जल होता है, ऐसा अम्ल तनु अम्ल कहलाता है इस अम्ल में जल की मात्रा अधिक होने की वजह से हाइड्रोनियम आयन के प्रत्येक इकाई का volume कम होता है
कोई भी अम्ल सांद्र तथा तनु दोनों प्रकार का हो सकता है जैसे- हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का जल के साथ विलय करने पर जब अम्ल की मात्रा अधिक होती है तो सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल कहलाता है और अगर जल की मात्रा अधिक होती है तो तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल कहलाता है
अम्ल के उपयोग –
सामान्यतः अम्लों का उपयोग हर क्षेत्र में किया जाता है प्रमुख्यतः उपयोग होने वाले अम्ल Description: ^{H_{2}}Description: {SO{4}} , Description: Hcl , Description: CHOO-H
सामान्यतः अम्ल दो प्रकार के होते हैं कार्बनिक अम्ल , अकार्बनिक अम्ल
हमारे दैनिक जीवन में काम आने वाली सभी खट्टी चीजो में कार्बनिक अम्ल मौजूद होता है , इन अम्लों में से कुछ अम्ल प्रयोगशालाओं में उपयोग में आते है
एसिटिक अम्ल – विलायक के रूप एसीटोन बनाने में ,खाद्य पदार्थों को खट्टा करने के लिए किया जाता है
टार्टरिक अम्ल – बेकिंग पाउडर के घटक के रूप में टार्टरिक अम्ल का प्रोग किया जाता है तथा इस अम्ल का प्रयोग खाध पदार्थों में विशिष्ट खट्टा स्वाद देने के लिए भी किया जाता है
एस्कार्बिक अम्ल – इस अम्ल का उपयोग रोगों के उपचार में किया जाता है जैसे -स्कार्बी , अस्थिमज्जा से सम्बंधित रोग आदि
सिट्रिक अम्ल -खाने की चीजों में फ्लेवर के रूप में सिट्रिक अम्ल का प्रयोग किया जाता है तथा खाद्य पदार्थों और फलों के संरक्षण में भी इस अम्ल का प्रयोग किया जाता है
सल्फ्यूरिक अम्ल -सल्फ्यूरिक अम्ल को अम्लों का राजा कहा जाता है सीसा संचायक बैटरियों में इस अम्ल का प्रयोग किया जाता है पेंट , वर्णक , रंजक आदि के निर्माण मैं इस अम्ल का प्रयोग किया जाता है कृत्रिम तंतुओं के निर्माण में इस अम्ल का प्रयोग किया जाता है जैसे -रेयान विस्फोटक पदार्थों के निर्माण में भी इस अम्ल अम्ल का प्रयोग किया जाता है
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल या HCL – हाइड्रोक्लोरिक अम्ल हाइड्रोजन और क्लोरिन का यौगिक है तथा बाईल जूस के साथ मिलकर हमारे पेट में भोजन पचाने का कम करता हैें HCL उपयोग किया जाता है बाथरूम cleaner में भी किया जाता है
नाइट्रिक अम्ल – दवाइयां ,फोटोग्राफी ,उर्वरक ,तथा विस्फोटक बनाने में
अम्ल के स्त्रोत
सल्फ्यूरिक अम्ल – हरा कसीस
एसिटिक अम्ल – सिरिका , आचार
टारटेरिक अम्ल – अंगूर ,इमली
साईट्रिक अम्ल – नींबू ,संतरा
लेक्टिक अम्ल – दूध ,दही
बेन्जोइक अम्ल – घास , पत्ते
फार्मिक अम्ल – चींटी , बिच्छू ,मधुमक्खी
ओक्सालिक अम्ल – टमाटर
मौलिक अम्ल – सेब
विभिन्न अम्लों के रासायनिक नाम
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल – Description: Hcl
सल्फ्यूरिक अम्ल – Description: H_{2SO_{4}}
नाइट्रिक अम्ल – Description: HNO_{3}
ओक्सालिक अम्ल – Description: C_{2}H_{2}O_{4}
सिट्रिक अम्ल –
कार्बोनिक अम्ल – Description: H_{2}CO_{3}
लेक्टिक अम्ल – Description: C_{{}3}H{6}O_{_{3}}
फास्फोरिक अम्ल – H3O4P